"आपका अनुरोध" के अवतरणों में अंतर
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यदि आप में से किसी के पास इस पन्ने पर अनुरोधित कोई कविता है तो कृपया उसे इस पन्ने के अंत में जोड़ दें -अथवा उसे kavitakosh@gmail.com पर भेज दें। आपका यह योगदान प्रशंसनीय होगा।<br><br> | यदि आप में से किसी के पास इस पन्ने पर अनुरोधित कोई कविता है तो कृपया उसे इस पन्ने के अंत में जोड़ दें -अथवा उसे kavitakosh@gmail.com पर भेज दें। आपका यह योगदान प्रशंसनीय होगा।<br><br> | ||
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Arun jaimini ke kavita padna chahata hu. Kavita ek haryana police ke sipahi k intarveu ke hai. Ho sake tou plz mujhay vajpayee_amit@yahoo.co.in par mail kar dai. | Arun jaimini ke kavita padna chahata hu. Kavita ek haryana police ke sipahi k intarveu ke hai. Ho sake tou plz mujhay vajpayee_amit@yahoo.co.in par mail kar dai. |
19:24, 9 जनवरी 2011 का अवतरण
translation of rath yoom kahane lag achand by ramdhari singh dinkar plz mail to h_hasin@yahoo.com
यदि आप किसी कविता विशेष को खोज रहे हैं तो उस कविता के बारे में आप इस पन्ने पर लिख सकते हैं। कविता के बारे में जितनी सूचना आप दे सकते हैं उतनी अवश्य दें -जैसे कि कविता का शीर्षक और लेखक का नाम।
यदि आप में से किसी के पास इस पन्ने पर अनुरोधित कोई कविता है तो कृपया उसे इस पन्ने के अंत में जोड़ दें -अथवा उसे kavitakosh@gmail.com पर भेज दें। आपका यह योगदान प्रशंसनीय होगा।
इस पन्ने पर से आप कुछ भी मिटायें नहीं |-|||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
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तुलसीदास का दोहा - <b>आवत ही हरशै नहीं , नैनं नहीं सनेह | तुलसी तहा न जाईये , चाहे कंचन बरसे मेह || कहाँ से लिया गया है?
Arun jaimini ke kavita padna chahata hu. Kavita ek haryana police ke sipahi k intarveu ke hai. Ho sake tou plz mujhay vajpayee_amit@yahoo.co.in par mail kar dai.
निम्नलिखित कविताओं की आवश्यकता है:
- निराशावादी (लेखक: हरिवंशराय बच्चन)
- ना मैं सो रहा हूँ ना तुम सो रही हो, मगर बीच में यामिनी ढल रही है (लेखक: हरिवंशराय बच्चन)
- hum karen rashtra aaradhan (lekhak: jai shankar prasad)
- मैं तो वही खिलौना लूँगा (शब्द कुछ कुछ ऐसे हैं और लेखिका शायद सुभद्राकुमारी चौहान हैं) --रोहित द्वारा अनुरोधित --ललित कुमार
- Thaal sajaakar kise poojane, Chale pratahee matawaale Kahaan chale tum raam naam kaa Peetamber tan par daale -- Himansu Pathak dwara anurodhit
Kartik ki ek husmukh subah,
abhi jaise ganga tatt se lot ti
suvasit bhigi hawayen
sada paawan maa srikhi.....
......... soya dekh mujhe jagati ho
siraane rakh kuch phool harsingar ke
baal bikhare hue tanik swar ke.
(Purani X kaksha ki NCERT Pustak ke akhri panno me kahi yeh kavita mujhe bahut priay thi
par ab kuch pankitiyan aur lekhak yaad nahi) ---Saurabh द्वारा अनुरोधित
- I want to read poems of maithili poet maithili kokil kavivar vidyapati if it is possible?(kavita ka shirshak- jogia more jagat sukhdayak..)
please find one poem for me that i have listen on SAB Tv show Wah-Wah but unfortunatly i forgot the name of that poet. the poem is "priye tumhari sudhi ko maine aksar yun hi choom liya geet likha tum par phir uska akshar aksha choom liya
Dear this poem is of "Deval Ashish" you can find this poem on youtube lik is http://www.youtube.com/watch?v=I5JKZfjAnoc&feature=related
Regards Sameer Goswami
- डॉ कमलकान्त बुधकर की रचनाऍं, उनके गीत और कविताऍं...
- 1. नौ बजे तक सुबह न हुई
- 2. चैत्र की चॉंदनी सी तुम
- 3. हर दीपावली पर उनके द्वारा रचित कविता
मैं गिरिधर की कुछ कुँडलियाँ अपने कविता कोश पर देखना चाहता हूँ।
एक कुण्डलिया , जो मुझे याद है:
साईं बैर न कीजिये, कबि पंडित गुरु यार।
बेटा बनिता पौरिया, यज्ञ करावनहार।।
यज्ञकरावनहार राजमंत्री जो होई।
बिप्र पड़ोसी बैद्य आपको तपे रसोई।।
कह गिरिधर कबिराय ....
इन तेरह सों तरह किये बिनु आवै साईं।।
--अनुनाद सिंह
i amlooking for poem that we read in class 2 hindi medium school pathya pustak nigam madhyaparedsh
"some words like this, ek gaw mai chuha rahata p p uska naam idher uder wah ghoom raha tha chindi mili tamam, lekar topi ki ass,,,,,,,,,,, can anyone complete this poem, & send it to indumailbox@yahoo.com
I am looking for some poems/prose/texts in Hindi Literature where the author is describing a 'landscape.' It could be a travel-writing, or just a description of any village/city/forest/sea etc.
Will be indebted for this help.
- कविता कोश में उपलब्ध "खोज" का प्रयोग कीजीये। मैनें "प्रकृति" शब्द पर खोज की तो मुझे यह कविता मिली मेरा प्रकृति प्रेम / मुकुटधर पांडेय। आशा है आपको प्रकृअति के बारे में यह रचना पसंद आएगी। --Lalit Kumar १७:०५, ७ मई २००७ (UTC)
I am looking for the poem "Kachari" by Sh. Kailash Gautam. Please I NEED IT URGENTLY. Can someone email me the same at savita.qa@gmail.com
Hello Dearone
I Yogesh Yadav, looking for following Poem
Will someone Help me to get poem "Nadiya ka tat" Written by i dont know the full name but poet name is "Shishu"
this Poem Starting with the sentence
Nadiya ka tat jo bahut se gaon ka panghat hai wohi nadiya katat bahut se gaon ka marghat hai ...........
this poem is more than 40 lines
I am very thankfull to the person who mail me this poem Please
Yogesh.ebrandz@gmail.com
i want few poems of class 5 for taking part in hindi recitition comp. kindly
kindly help me at someshpsingh@yahoo.com
tum rajni ke chaand banoge
ya din ke martand prakhar
ek baat hai mujhe poochni
tum phool banoge ya patthar -- आभा द्वारा अनुरोध किया गया है।
कविताकोश में ’देवराज ’दिनेश’ ’ जी की कमी खल रही है । ७०-८० के दशक में काफ़ी लोकप्रिय मंच के कवि श्री दिनेश जी की कविता
"भारत मां की लोरी" मस्तिष्क में अंकित सी है । पढना चाहूँगा । - अनूप भार्गव
नई कविता के प्रतिष्ठित कवि जगदीश गुप्त का जन्म १९२४ मॆं जिला हरदोई के शाहबाद कस्बे में हुआ। परिमल संस्था के संस्थापक सदस्य। कविता-संग्रह : नाव के पाँव, शब्द दंश, हिम बिद्ध, युग्म समीक्षा: नई कविता--स्वरूप और समस्याएँ। नई कविता(आठ कविता) (आठ अंक) (1954 से 1969 के बीच अनूदित कविताओं वाले पृष्ठ पर कृपया अंग्रेज़ी की सूची में हैरॉल्ड पिंटर का नाम डाल दें। मैं उनकी दो-एक कविताओं का अनुवाद डालना चाहता हूँ। - अनिल एकलव्यकड़ी शीर्षक
I want a poem by Kailash Gautam "Gaon gaya tha gaon se bhaga" I don't know from where can I get it. Please help
यह कविता कविता कोश में है- इसे पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें -
kuchh mahino pahlile hamne ek kavita ka Anurodh kiya tha. ab wah kavita hamne hi poorn roop se mil gai hai toa use kavita kosh me sammilit karna chahte hain
ek gaav me chuha rahata,
pi pi uska naam,
idhar udhar wah, ghum raha tha...
chindi mili tamam,
lekar darji ke ghar pahucha,
topi ki le aas...
haath jod kar kiya namaste,
chindi DHAR di paas,
darji mama topi si do,
karo na humein nirash,
nahi sili to kapde kaatu jitne tere pass....
TOPI KI TAYAAR RANGILI BADHIYA FUDNEDAR
KHOOSH HO KAR PIPI BOLA MAMA BADE UDAAR
DHOLAK MILI KAHI SE USKO PITA BAARAMBAR
RAJA KI TOPI SE ACHHI TOPI FUDNEDAR
PAAS KHADA THA EK SIPAHI WAH THA PAHREDAR
PAKAD LIYA PIPI KO USNE PHIR DI USKO FATKAR
TOPI CHHINI MARA PITA RAJA THE NAARAJ
HUE KAID MEIN PIPI BHAYYA BAND HUI AWAAJ
kripya is bal kavita ya shishu geet ki shreni me sthaan deejiye indu jain