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"मालगोवा आम / केदारनाथ अग्रवाल" के अवतरणों में अंतर

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11:37, 14 जनवरी 2011 के समय का अवतरण

देह के भारी
भरे भार के,
मोटे, मालदार,
मालगोवा आम,
अच्छे हैं
पयोधरी उभार के,
शस्य-श्याम
शाद्वली-सँवार के
मीठे, मजेदार,
और दलदार,
ओठ जैसे रसदार

रचनाकाल: १६-०६-१९७६, मद्रास