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"कामधेनु / रतन सिंह ढिल्लों" के अवतरणों में अंतर

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14:04, 17 जनवरी 2011 के समय का अवतरण

आओ !
इंद्र के दरबार से
कामधेनु खोल लाएँ
और उसे बाँध दें
गाँव की चौपाल में
या शहर के स्लम-क्षेत्र में
या
शहर के लेबर कॉलोनी में ।

आओ !
कामधेनु गाय को
सुनहरे खूँटे से खोल कर
आज़ाद कर दें ।

 
मूल पंजाबी से अनुवाद : अर्जुन निराला