भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"एहसास / रतन सिंह ढिल्लों" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=रतन सिंह ढिल्लों |संग्रह= }} {{KKCatKavita}} <poem> कितनी निरा…) |
(कोई अंतर नहीं)
|
14:15, 17 जनवरी 2011 के समय का अवतरण
कितनी निराशा देता है
घोड़े को
बूढ़े होने का एहसास
जब उसके पैर
सड़क के बदन पर
चिंगारियाँ निकालने में
हो जाते हैं असमर्थ ।
मूल पंजाबी से अनुवाद : अर्जुन निराला