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"सुबह / नील कमल" के अवतरणों में अंतर

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23:01, 19 जनवरी 2011 के समय का अवतरण

सुबह होने का अर्थ
सचमुच बदल जाता है
जब एक बच्चा कंगारू
नभ प्राची की
थैलीनुमा गोद से
झाँकता है,

उसकी एक ही छ्लाँग में
चमक जाता है पृथ्वी का
सुन्दर चेहरा,
रक्तिम से क्रमशः
स्वर्णिम होता हुआ ।