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रामपति रसिया का यह गीत अधूरा है, आपके पास हो तो इसे पूरा कर दें
काहें मन करेल गुमान हो, बिहान देखि पइब की नाहीं
सपना समान बा जहान के बजरिया
सम्भरि के धर पांव देखि के डगरिया
नाही बाटे कवनो ठेकान हो, बिहान देखि पइब की नाहीं