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"डर / लीलाधर जगूड़ी" के अवतरणों में अंतर

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(नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार = लीलाधर जगूड़ी }} {{KKCatKavita‎}} <poem> जिधर चिड़िया गा रही थ…)
 
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17:08, 5 फ़रवरी 2011 के समय का अवतरण

जिधर चिड़िया गा रही थी
उधर से भी हटा मैं कि वह उड़ न जाए
जिधर फूल खिल रहा था
उधर पीठ फेर दी कि मुरझा न जाए
इस तरह आया एक भूला हुआ गाना
एक झरा हुआ फूल मुझे याद
एक भरा हुआ फूल मुझे याद
वर्तमान को इस तरह अतीत बनाया पतझर ने ।