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"तेरे सिवा / वाज़दा ख़ान" के अवतरणों में अंतर

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23:05, 2 मार्च 2011 के समय का अवतरण

ख़्वाहिशें और भी हैं इक तेरे सिवा
अरमाँ और भी हैं इक तेरे सिवा

तू जो मिला कायनात बनकर
ज़िंदगी और भी है बाक़ी
इक तेरे सिवा

राहें और भी हैं
जो देती हैं पता मंज़िल का
इक तेरे सिवा ।