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"भले आदमी / भवानीप्रसाद मिश्र" के अवतरणों में अंतर

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11:45, 5 मार्च 2011 के समय का अवतरण

भले आदमी
रुक रहने का पल
अभी नहीं आया

बीज जिस फल के लिए
तूने बोया था वह फल
अभी नहीं आया तेरे वृक्ष में

टूटती हुई साँस की डोर को
अभी जितना लंबा खींच सके
खींच

सींच चुका है तू
वृक्ष को अपने पसीने से
अब अपने ख़ून से सींच !