भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"काला इतिहास / वाज़दा ख़ान" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=वाज़दा ख़ान |संग्रह=जिस तरह घुलती है काया / वाज़…)
 
(कोई अंतर नहीं)

20:32, 21 मार्च 2011 के समय का अवतरण

आकाश में उड़ रही है चील
शिकार की तलाश में

और चिड़िया बेख़बर मशगूल है
दाना चुगने में...

सीने पे उसके निशान हैं पंजों के
काला इतिहास लिए
मगर लोगों का मानना है कि
वह काला इतिहास
चील का नहीं बल्कि
तुम्हारा है ।