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"निंदा / रघुवीर सहाय" के अवतरणों में अंतर

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01:11, 28 मार्च 2011 का अवतरण

'तुम निंदा के जितने वाक्य निंदा में कहते हो
वे निंदा नहीं रह गए हैं और केवल तुम्हारी
घबराहट बताते हैं