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"उदास नहीं / गुलज़ार" के अवतरणों में अंतर

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(कोई अंतर नहीं)

01:29, 28 मार्च 2011 के समय का अवतरण

बस एक चुप-सी लगी है, नहीं उदास नहीं
कहीं पे साँस रुकी है, नहीं उदास नहीं

कोई अनोखी नहीं ऐसी ज़िंदगी लेकिन
मिली जो, ख़ूब मिली है, नहीं उदास नहीं

सहर भी, रात भी, दोपहर भी मिली लेकिन
हमीं ने शाम चुनी है, नहीं उदास नहीं

बस एक चुप-सी लगी है, नहीं उदास नहीं
कहीं पे साँस रुकी है, नहीं उदास नहीं।