भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"फलक पर चांद / कुमार मुकुल" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
					
										
					
					| अनिल जनविजय  (चर्चा | योगदान)  (New page: {KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=कुमार मुकुल |संग्रह=ग्यारह सितम्बर और अन्य कविताएँ / क...) | Pratishtha  (चर्चा | योगदान)  | ||
| पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
| − | {KKGlobal}} | + | {{KKGlobal}} | 
| {{KKRachna | {{KKRachna | ||
| |रचनाकार=कुमार मुकुल | |रचनाकार=कुमार मुकुल | ||
| |संग्रह=ग्यारह सितम्बर और अन्य कविताएँ / कुमार मुकुल | |संग्रह=ग्यारह सितम्बर और अन्य कविताएँ / कुमार मुकुल | ||
| − | }} | + | }}{{KKAnthologyChand}} | 
| − | + | {{KKCatKavita}}  | |
| आकाशगंगाओं पर | आकाशगंगाओं पर | ||
23:29, 1 अप्रैल 2011 के समय का अवतरण
आकाशगंगाओं पर
चांदनी का कोई दबाव नहीं है
और तारे मार कुलबुला रहे हैं
किसी ने आसमान से
ज़रा सा सिर निकाला हो जैसे
फलक पर झाँकता है चांद
उसके तांबई सिर के नीचे
झाँकती आँख-सा
चमकता एक तारा
पास ही है।
 
	
	

