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"मौत के नाखून / शम्भु बादल" के अवतरणों में अंतर

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02:04, 6 अप्रैल 2011 का अवतरण

मौत के कितने नाखून
कितनी गहराई तक
धँसे हैं मेरे सीने में!

दर्द की कैसी कैसी नदियाँ
टहल रही हैं होंठों पर
अपने तमाम मगरमच्छों के साथ !

और तुम
अपनी हँसी की तलाश में
मेरा चेहरा रौंद रहे हो !?