भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"जल की रानी / प्रमोद कुमार" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=प्रमोद कुमार |संग्रह= }} {{KKCatKavita}} <poem> मछली जल की रा…) |
(कोई अंतर नहीं)
|
13:53, 12 अप्रैल 2011 के समय का अवतरण
मछली जल की रानी है
उसका जीवन पानी है
बच्चे केवल कंठ से इसे नहीं गाते
उनके साथ गाने लगते माता-पिता
जो कब के भूल चुके गाना
नाच उठता पूरा घर
कंकरीट से बाहर आकर,
जल की वह रानी
लाई गई है दुकान पर
उसे मूल्य तालिका पर लटकाकर
दुकानदार पढ़ा रहे बच्चों को
मिटा रहे बच्चों का प्रिय
उसके नाम को
बच्चों की आँखों में बोलने वाली
जल की रानी
भला क्या बोले दुकान पर !
जल की रानी के गीतों से समझनेवाले बच्चे
क्या गाएँ !