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सुरीली सारंगी अतुल रस-धारा उगल के | सुरीली सारंगी अतुल रस-धारा उगल के |
15:55, 9 जुलाई 2007 का अवतरण
सुरीली सारंगी अतुल रस-धारा उगल के
कहीं खोई जो थी, बढ़ कर उठाया लहर में,
बजाते ही पाया, बज कर यही तार सब को
बहा ले जाएँगे, भनक पड़ जाए तनिक तो.