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01:18, 21 मई 2011 के समय का अवतरण
यह देश हमारा
इस विश्व के गगन के सितारों का सितारा
ये देश हमारा
ये विंध्य ये हिमालय
गंगोजमन कहाँ
ऐसी धरा कहाँ है
ऐसा गगन कहाँ
कुदरत ने जैसे धरती पर स्वर्ग उतारा
ये देश हमारा
सोने के दिन हैं इसके
चाँदी की रात है
हीरों की फ़सल होती
इसकी क्या बात है
इस देश में ही पाएँ हम जन्म दोबारा
ये देश हमारा
दुनिया के अंधेरों को
यहीं पर किरण मिली
घायल मनुष्यता को
यहीं पर शरण मिली
ये शांति प्रेम उन्नति की मुक्त त्रिधारा
ये देश हमारा