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"बिकते जनपद थाने / शीलेन्द्र कुमार सिंह चौहान" के अवतरणों में अंतर

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ढूंढ रहे शैवाल वनों में  
 
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हम मोती के दाने  
 
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लोभी कुर्सी , भृष्ट व्यवस्था   
 
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राजनीति दलबदलू  
 
राजनीति दलबदलू  
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बंदर बाँट, आँकड़े फर्जी  
 
बंदर बाँट, आँकड़े फर्जी  
 
बिकते जनपद थाने  
 
बिकते जनपद थाने  
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सुविधा शुल्क, बढ़ी मँहगाई  
 
सुविधा शुल्क, बढ़ी मँहगाई  
 
रामराज्य के सपने  
 
रामराज्य के सपने  
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जो कल तक थे अपने  
 
जो कल तक थे अपने  
 
आसमान छूने की बातें  
 
आसमान छूने की बातें  
खाली पडे़ खजाने   
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खाली पडे़ खजाने  
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अफसरशाही, नेतागिरी  
 
अफसरशाही, नेतागिरी  
 
एक खाट दो पाये  
 
एक खाट दो पाये  
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लाठी, डण्डे, बम, बन्दूकें  
 
लाठी, डण्डे, बम, बन्दूकें  
 
लोकतन्त्र के माने  
 
लोकतन्त्र के माने  
बंदर बाँट, आँकड़े फर्जी
 
  
बिकते जनपद थाने।
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ढूंढ रहे शैवाल वनों में
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हम मोती के दाने
 
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13:33, 27 मई 2011 का अवतरण

बिकते जनपद थाने

नकली दवा , प्रदूषित पानी
सेहत के अफसाने
ढूंढ रहे शैवाल वनों में
हम मोती के दाने

लोभी कुर्सी , भृष्ट व्यवस्था
राजनीति दलबदलू
ठेका, टेण्डर और कमीशन
सिक्के के दो पहलू,
बंदर बाँट, आँकड़े फर्जी
बिकते जनपद थाने

सुविधा शुल्क, बढ़ी मँहगाई
रामराज्य के सपने
निभा रहे दोमुँही भूमिका
जो कल तक थे अपने
आसमान छूने की बातें
खाली पडे़ खजाने
 
अफसरशाही, नेतागिरी
एक खाट दो पाये
खोटे सिक्कों की नगरी में
सोना मुँह लटकाये
लाठी, डण्डे, बम, बन्दूकें
लोकतन्त्र के माने

ढूंढ रहे शैवाल वनों में
हम मोती के दाने