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14:09, 6 जून 2011 के समय का अवतरण

एक विराट सपना
असंख्य कोशों पर सवार
धमनियों में दौड़ता है
पलकें बहुत भारी हो जाती हैं

करोड़ों जीवित तूफ़ानों की नकेल
बरौनियों से जोड़ दी जाती है
शुरू होता हैं नींद और सपनों का
महायुद्ध ।