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"शेरपा-1 / नील कमल" के अवतरणों में अंतर

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15:21, 6 जून 2011 के समय का अवतरण

ढलान पर था लामा
पहाड़ी रास्ते पर
रक्तिम परिधान
ने चखा न था
स्वाद पसीने का,
स्वाद नमक का
उसकी जीभ को पता है

क्या करता है लामा
कैसे रहता है विशाल
इस मठ में बिना दुख के

कितने लामा रहते होंगे
इतने बड़े मठ में
कि जहाँ छुपने की जगह
भी नहीं पाता है दुख

दुख, जो शेरपा के
जीवन में इस तरह आता है
लगा कर बैठा था घात
जाने कब से भूखे शेर की माँद में

दुख, शेरपा के घर में
सबसे बुजुर्ग सदस्य है
सुख, नाम है जिस मेहमान का
रहता है इंतज़ार उसका
शेरपा को

चढ़ाई पर था शेरपा
लामा, ढलान पर था ।