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15:23, 6 जून 2011 के समय का अवतरण
शेरपा की पीठ पर लदी
एक थकी हुई पृथ्वी
जिसे वह ढोता आ रहा है युगों से
एक दोहरी रस्सी के सहारे
कपाल पर कसी पट्टी से लटकती
रस्सी के सहारे
थकी हुई पृथ्वी को ढोते
शेरपा की रीढ़ झुकी रहती है
युगों से तनकर खड़ा नहीं हुआ
शेरपा,
किसी एटलस की तरह
ठगा-सा शेरपा
युगों से खड़ा है
ला डेन ला रोड पर ।