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"गुब्बारे-1 / नील कमल" के अवतरणों में अंतर

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10:01, 10 जून 2011 के समय का अवतरण

उस फटे गुब्बारे को
तर्जनी पर पहनिए
होठों से लगाइए

गुब्बारे वाली अँगुली चूसते हुए
पृथ्वी-आकाश की सारी हवा
खींच लीजिए फेफड़ों में

फिर जी उठेगा गुब्बारा
इस बार आकार में छोटा
चिटपुटिया गुब्बारा

उसे फिर फोड़िये माथे पर
किसी दीवाने की तरह
उसे चूमने के बाद

उसे फिर-फिर पहनिए तर्जनी पर ।