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"वाणी / विश्वनाथप्रसाद तिवारी" के अवतरणों में अंतर

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23:06, 12 जून 2011 के समय का अवतरण

बचपन के एक सदमे में
आवाज़ खो बैठी
वह लड़की
अब दरवाज़े-दरवाज़े माँग रही है
अपनी वाणी

बच्चे किलककर हँसते हैं
जब वह रोती है गूँगी ।