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"तुम्हारा शब्द-कोश / प्रणय प्रियंवद" के अवतरणों में अंतर

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16:17, 14 जून 2011 के समय का अवतरण

तुम एकाएक मुस्कुरा उठते
मारने लगते किलकारियाँ
तुम एकाएक रोने लगते, तब
माँ समझ जाती कि तुम
भूखे हो।
जब तुम और छोटे थे
तब एक ही जगह लगाते
टकटकी
अब तुम आँखें घुमाते हो
पहचानते हो आवाज़
करवट बदलना चाहते हो।
अब तुम रोते हो तो
मैं समझ जाता हूँ
तुम्हें चाहिए और प्यार
अब तुम्हें बहुत सोना पसंद नहीं
तुम्हें गोद पसंद है।