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"कुछ उन्हें मेरा ध्यान हो भी तो / गुलाब खंडेलवाल" के अवतरणों में अंतर
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उनकी चाहत जवान हो भी तो! | उनकी चाहत जवान हो भी तो! | ||
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नहीं कोई निशान हो भी तो! | नहीं कोई निशान हो भी तो! | ||
रंग तो है नया, गुलाब! मगर | रंग तो है नया, गुलाब! मगर | ||
− | लोग | + | लोग क्यों लेंगे मान, हो भी तो |
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01:13, 25 जून 2011 का अवतरण
कुछ उन्हें मेरा ध्यान हो भी तो!
आये जो मन में ठान, हो भी तो!
कुछ तो चुप्पी में भी कह जाता हूँ
उनको आँखों में कान हो भी तो!
वह कलेजे से लगा लें बढ़कर
मेरे मरने में जान हो भी तो!
मेरी उम्मीद बचपना छोड़े
उनकी चाहत जवान हो भी तो!
मेरी ग़ज़लों में ढूँढ़ लेना मुझे
नहीं कोई निशान हो भी तो!
रंग तो है नया, गुलाब! मगर
लोग क्यों लेंगे मान, हो भी तो