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"हमें तो कहते हो, 'अपना ख़याल है कि नहीं?' / गुलाब खंडेलवाल" के अवतरणों में अंतर

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हमें तो कहते हो,'अपना ख़याल है कि नहीं?'
 
हमें तो कहते हो,'अपना ख़याल है कि नहीं?'
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तुम्हें भी याद वो फूलों की डाल है कि नहीं?
 
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चुभे हैं तन में तो काँटे हज़ार-लाख, मगर
 
चुभे हैं तन में तो काँटे हज़ार-लाख, मगर
गुलाब लाल है अब तक, कमाल है कि नहीं
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02:46, 25 जून 2011 का अवतरण


हमें तो कहते हो,'अपना ख़याल है कि नहीं?'
तुम्हारे दिल का भी ऐसा ही हाल है कि नहीं!

कभी तो पास चले आओ कि देखें हम भी
नज़र में अब भी वो पहला सवाल है कि नहीं

जहाँ पे बैठ के छेड़ी थी हमने प्यार की तान
तुम्हें भी याद वो फूलों की डाल है कि नहीं?

जो देखिये तो वही वह दिखाई देता है
जो सोचिये तो उलझता है जाल, 'है कि नहीं'

हमारे प्यार का रोना है कोई गीत नहीं
किसे है होश कि सुर और ताल है कि नहीं!

चुभे हैं तन में तो काँटे हज़ार-लाख, मगर
गुलाब लाल है अब तक, क़माल है कि नहीं