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"नाम यों तो सभी के बाद आया / गुलाब खंडेलवाल" के अवतरणों में अंतर

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फिर यहाँ कौन इसके बाद आया!
 
फिर यहाँ कौन इसके बाद आया!
  
कोई सीने से लगा चलते वक्त
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कोई सीने से लगा चलते वक़्त
 
रात ढलने लगी तो चाँद आया
 
रात ढलने लगी तो चाँद आया
  

00:45, 9 जुलाई 2011 के समय का अवतरण


नाम यों तो सभी के बाद आया
उनको हरदम था मैं ही याद आया
 
आज मिल जायँ जिनको मिलना है
फिर यहाँ कौन इसके बाद आया!

कोई सीने से लगा चलते वक़्त
रात ढलने लगी तो चाँद आया

उनकी आँखों के रंग में है गुलाब
होके हर रंग से आज़ाद, आया