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"हमारे वास्ते कहना है जो, ख़ुशी से कहो / गुलाब खंडेलवाल" के अवतरणों में अंतर
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खड़ी है कब से निगाहें झुकाए यह दुलहन | खड़ी है कब से निगाहें झुकाए यह दुलहन |
02:17, 10 जुलाई 2011 के समय का अवतरण
हमारे वास्ते कहना है जो, ख़ुशी से कहो
मगर जो औरोँ से कहते हो वह हमींसे कहो
खड़ी है कब से निगाहें झुकाए यह दुलहन
कभी तो दिल की कोई बात ज़िन्दगी से कहो
ग़रज़ कि कुछ तो ख़मोशी का सिलसिला टूटे
नहीं जो प्यार से कहते हो, बेरुख़ी से कहो
हमारे दिल पे भी गुज़रे हैं हादसे कितने
मगर वे ऐसे नहीं हैं कि हर किसीसे कहो
गुलाब! हमने ये माना बड़े रंगीन हो तुम
मगर जो बात भी कहनी है, सादगी से कहो