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"देव उवाच / कीर्ति चौधरी" के अवतरणों में अंतर
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15:17, 13 अगस्त 2011 के समय का अवतरण
उज्ज्वल हैं, उज्ज्वल लेंगे, उज्ज्वलतर देंगे--
माणिक-मुक्ता बोएँगे, जी भर काटेंगे ।
करने दो मंथन उनको यदि बड़ा चाव है--
अमृत तो हम लाएँगे, सबको बाँटेंगे ।