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"छुट्टी हो ! / रमेश तैलंग" के अवतरणों में अंतर

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छुट्टि हो छह दिन की,
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छुट्टी हो छह दिन की,
 
एक दिन पढ़ाई ।
 
एक दिन पढ़ाई ।
 
आए फिर बड़ा मज़ा भाई ।
 
आए फिर बड़ा मज़ा भाई ।

10:05, 7 सितम्बर 2011 के समय का अवतरण

छुट्टी हो छह दिन की,
एक दिन पढ़ाई ।
आए फिर बड़ा मज़ा भाई ।

टिचर के आते ही,
टन-टन घंटी बजे ।
काम करो, न करो,
अपनी मरज़ी चले ।
देनी न पड़े रोज़ झूठी सफ़ाई ।

इम्तहान में टूटे,
नियम फ़ेल करने का ।
भूलों के सौ नम्बर,
ज़ीरो हो रटने का
नक़ल पर इनाम मिले, अकल पर पिटाई,
आए फिर बड़ा मज़ा भाई ।