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"उपचार / रामनरेश त्रिपाठी" के अवतरणों में अंतर
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हृदय को हम सदा तेरे लिए तैयार करते हैं। | हृदय को हम सदा तेरे लिए तैयार करते हैं। |
17:22, 7 दिसम्बर 2011 के समय का अवतरण
हृदय को हम सदा तेरे लिए तैयार करते हैं।
तुझे आनंद-सा सुख-सा सदा हम प्यार करते हैं॥
तुझे हँसता हुआ देखें किसी दुखिया के मुखड़े पर।
इसी से सत्पुरुष प्रत्येक का उपकार करते हैं॥
बताते हैं पता तारे गगन में और उपवन में,
सुमन संकेत तेरी ओर बारंबार करते हैं॥
अनोखी बात है तेरे निराले प्रेम बंधन में
उलझकर भक्त उलझन से जगत को पार करते हैं॥
न होती आह तो तेरी दया का क्या पता होता।
इसीसे दीन जन दिनरात हाहाकार करते हैं॥
हमें तू सींचने दे आँसुओं से पंथ जीवन का
जगत के ताप का हम तो यही उपचार करते हैं॥