भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"गुलज़ार" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
छो () |
छो |
||
पंक्ति 2: | पंक्ति 2: | ||
{{KKParichay | {{KKParichay | ||
|चित्र=Gulzar.jpg | |चित्र=Gulzar.jpg | ||
− | |नाम= | + | |नाम=सम्पूर्ण सिंह कालरा |
|उपनाम=गुलज़ार | |उपनाम=गुलज़ार | ||
|जन्म=18 अगस्त 1936 | |जन्म=18 अगस्त 1936 |
21:49, 22 सितम्बर 2008 का अवतरण
सम्पूर्ण सिंह कालरा
जन्म | 18 अगस्त 1936 |
---|---|
उपनाम | गुलज़ार |
जन्म स्थान | दीना, जिला झेलम (अब पाकिस्तान में) |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
पुखराज, एक बूंद चाँद, चौरस रात, रवि पार, कुछ और नज़्में | |
विविध | |
गुलज़ार का पूरा नाम समपूरन सिंह गुलज़ार है। आप "त्रिवेणी" छंद के सृजक और हिन्दी फ़िल्म उद्योग के जाने-माने गीतकार हैं। | |
जीवन परिचय | |
गुलज़ार / परिचय |
- कुछ और नज्में / गुलज़ार (नज़्म संग्रह)
- छैंया-छैंया / गुलज़ार (गज़ल संग्रह)
- मेरा कुछ सामान / गुलज़ार (गीत संग्रह)
- गुलज़ार की त्रिवेणियाँ
- मुझको भी तरकीब सिखा / गुलज़ार
- हिंदुस्तान में दो दो हिंदुस्तान दिखाई देते हैं / गुलज़ार
- ईंधन / गुलज़ार
- ज़िन्दगी यूँ हुई बसर तन्हा / गुलज़ार
- आदतन तुम ने कर दिये वादे / गुलज़ार
- आँखों में जल रहा है क्यूँ बुझता नहीं धुआँ / गुलज़ार
- चलो ना भटके / गुलज़ार
- दिन कुछ ऐसे गुज़ारता है कोई / गुलज़ार
- एक परवाज़ दिखाई दी है / गुलज़ार
- एक पुराना मौसम लौटा याद भरी पुरवाई भी / गुलज़ार
- हाथ छूटे भी तो रिश्ते नहीं छोड़ा करते / गुलज़ार
- मैं अपने घर में ही अजनबी हो गया हूँ आ कर / गुलज़ार
- नज़्म उलझी हुई है सीने में / गुलज़ार
- क़दम उसी मोड़ पर जमे हैं / गुलज़ार
- साँस लेना भी कैसी आदत है / गुलज़ार
- शाम से आँख में नमी सी है / गुलज़ार
- स्पर्श / गुलज़ार
- वो ख़त के पुरज़े उड़ा रहा था / गुलज़ार
- इक जरा छींक ही दो तुम / गुलज़ार
- मौत तू एक कविता है / गुलज़ार
- अफ़साने / गुलज़ार
- रात भर सर्द हवा चलती रही / गुलज़ार
- वो जो शायर था चुप सा रहता था / गुलज़ार