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"सुबह है भरपूर / पाब्लो नेरूदा" के अवतरणों में अंतर

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सुबह है भरपूर झंझावात से
 
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ग्रीष्म के हृदय में
 
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मेघ करते हैं यात्रा विदा के सफ़ेद रुमालों की तरह,
 
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सफ़री हवा लहराती उन्हें अपने हाथों में
 
सफ़री हवा लहराती उन्हें अपने हाथों में
 
  
 
असंख्य दिल हवा के धड़कते
 
असंख्य दिल हवा के धड़कते
 
 
हमारी प्यारी-सी चुप्पी के ऊपर
 
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पेड़ों के बीच दिव्य
 
पेड़ों के बीच दिव्य
 
 
और वाद्यवृन्दीय-सा कुछ गूँजता
 
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युद्धों की भाषा और गीतों जैसा
 
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एक फुर्तीले धावे के साथ
 
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बहा ले जाती हवा पीले पत्तों को
 
बहा ले जाती हवा पीले पत्तों को
 
 
और मोड़ देती पक्षियों के फड़फड़ाते तीर
 
और मोड़ देती पक्षियों के फड़फड़ाते तीर
 
 
 
एक लहर में लरज कर गिरा देती हवा
 
एक लहर में लरज कर गिरा देती हवा
 
 
शाख से रहित उत्साह में झुकी
 
शाख से रहित उत्साह में झुकी
 
 
उस भारहीन दृढ़ता को
 
उस भारहीन दृढ़ता को
 
  
 
उसके ढेर सारे चुम्बन सेंध लगाते,
 
उसके ढेर सारे चुम्बन सेंध लगाते,
 
 
टूट पड़ते वे गरमी की हवा के दरवाज़े में
 
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'''अँग्रेज़ी से हिन्दी में अनुवाद : मधु शर्मा'''
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22:03, 2 जून 2012 के समय का अवतरण

मुखपृष्ठ  » रचनाकारों की सूची  » रचनाकार: पाब्लो नेरूदा  » संग्रह: बीस प्रेम कविताएँ और विषाद का एक गीत
»  सुबह है भरपूर

सुबह है भरपूर झंझावात से
ग्रीष्म के हृदय में

मेघ करते हैं यात्रा विदा के सफ़ेद रुमालों की तरह,
सफ़री हवा लहराती उन्हें अपने हाथों में

असंख्य दिल हवा के धड़कते
हमारी प्यारी-सी चुप्पी के ऊपर

पेड़ों के बीच दिव्य
और वाद्यवृन्दीय-सा कुछ गूँजता
युद्धों की भाषा और गीतों जैसा

एक फुर्तीले धावे के साथ
बहा ले जाती हवा पीले पत्तों को
और मोड़ देती पक्षियों के फड़फड़ाते तीर
एक लहर में लरज कर गिरा देती हवा
शाख से रहित उत्साह में झुकी
उस भारहीन दृढ़ता को

उसके ढेर सारे चुम्बन सेंध लगाते,
टूट पड़ते वे गरमी की हवा के दरवाज़े में
और डूब जाते ।

अँग्रेज़ी से हिन्दी में अनुवाद : मधु शर्मा