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"मुझे कुलहीन रहने दो / शंकर प्रलामी" के अवतरणों में अंतर

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14:24, 1 जुलाई 2012 का अवतरण

मुझे कुलहीन रहने दो
Mujhe kulhin rahne do.jpg
रचनाकार शंकर प्रलामी
प्रकाशक राधाकृष्ण प्रकाशन
वर्ष 2002
भाषा हिन्दी
विषय कविताएँ
विधा कविता
पृष्ठ 115
ISBN 8171797841
विविध मूल्य(सजिल्द) :150
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