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शंभुनाथ सिंह संपादित 'नवगीत अर्धशती'(पराग प्रकाशन) एवं कन्‍हैयालाल नंदन संपादित 'श्रेष्‍ठ हिंदी गीत संचयन'(साहित्‍य अकादेमी)में रचनाऍं सम्‍मिलित।  
 
शंभुनाथ सिंह संपादित 'नवगीत अर्धशती'(पराग प्रकाशन) एवं कन्‍हैयालाल नंदन संपादित 'श्रेष्‍ठ हिंदी गीत संचयन'(साहित्‍य अकादेमी)में रचनाऍं सम्‍मिलित।  
'प्रतापगढ़ का साहित्‍यिक अवदान' विषयक शोधकृति में व्‍यक्‍तित्‍व और कृतित्‍व पर प्रकाश डाला गया है।
 
  
==सम्पर्क==
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'प्रतापगढ़ का साहित्‍यिक अवदान' विषयक शोधकृति में व्‍यक्‍तित्‍व और कृतित्‍व पर प्रकाश डाला गया है।
मार्फत : डॉ.गायत्री शुक्‍ल, जी-1/506 ए, उत्‍तम नगर, नई दिल्‍ली-110059, फोन नं. 011-25374320,मोबाइल:09696718182 ईमेल:omnishchal@gmail.com
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17:27, 23 जुलाई 2012 के समय का अवतरण

जन्म

15 दिसंबर 1958 जन्म स्थान ग्राम-हर्षपुर, जिला-प्रतापगढ़ (उत्‍तर प्रदेश)


उपनाम डॉ.ओम कुमार मिश्र,

शिक्षा= एम.ए.(हिंदी एवं संस्‍कृत), पीएच-डी, पो.ग्रे.डिप्‍लोमा इन जर्नलिज्‍म


कुछ प्रमुख कृतियाँ

शब्‍द सक्रिय हैं(कविता संग्रह),

द्वारिकाप्रसाद माहेश्‍वरी: सृजन और मूल्‍यांकन(आलोचना),

साठोत्‍तरी हिंदी कविता में विचारतत्‍व(आलोचना)

कविता का स्‍थापत्‍य(आलोचना),

भाषा में बह आई फूलमालाऍं:युवा कविता के कुछ रूपाकार(आलोचना)

विविध बैंकिंग वाड़्मय(पॉंच खंडों में):

बैंकिंग शब्‍दावली, बैंकिंग हिंदी पत्राचार:स्‍वरूप एवं संप्रेषण,

बैंकों में हिंदी प्रशिक्षण:प्रबंध एवं पाठ्यक्रम,

बैंकिंग अनुवाद:प्रविधि और प्रक्रिया,

बैंकिंग टिप्‍पण एवं आलेखन;व्‍यावसायिक हिंदी,

द्वारिकाप्रसाद माहेश्‍वरी रचनावली(तीन खंडों में);

अधुनांतिक बॉंग्‍ला कविता(समीर रायचौधुरी के साथ संपादन);

तत्‍सम शब्‍दकोश(संपादकीय सहयोग);

विश्‍वनाथप्रसाद तिवारी:साहित्‍य का स्‍वाधीन विवेक(संपादन);

जियो उस प्‍यार में जो मैंने तुम्‍हे दिया है: अज्ञेय की प्रेम कविताऍं(संपादन)

उल्लेख्‍य

अपने समय के अनेक महत्‍वपूर्ण लेखकों, कवियों यथा अज्ञेय, विष्‍णु प्रभाकर, रामविलास शर्मा, कुँवर नारायण, केदारनाथ सिंह, अशोक वाजपेयी, के सच्‍चिदानंदन, प्रभाकर श्रोत्रिय, राजेन्‍द्र यादव, श्रीलाल शुक्‍ल, विश्‍वनाथप्रसाद तिवारी, लीलाधर जगूड़ी, मंगलेश डबराल, उदय प्रकाश, लीलाधर मंडलोई, ज्ञानेन्‍द्रपति, अरुण कमल, चित्रा मुदगल, परमानंद श्रीवास्‍तव, देवीप्रसाद मिश्र, अलका सरावगी आदि से वार्ताओं के जरिए बातचीत को एक रम्‍य विधा में बदलने की पहल।

शंभुनाथ सिंह संपादित 'नवगीत अर्धशती'(पराग प्रकाशन) एवं कन्‍हैयालाल नंदन संपादित 'श्रेष्‍ठ हिंदी गीत संचयन'(साहित्‍य अकादेमी)में रचनाऍं सम्‍मिलित।

'प्रतापगढ़ का साहित्‍यिक अवदान' विषयक शोधकृति में व्‍यक्‍तित्‍व और कृतित्‍व पर प्रकाश डाला गया है।