भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"पगला मल्लाह / हरिवंशराय बच्चन" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=हरिवंशराय बच्चन |संग्रह=त्रिभंग...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
 
पंक्ति 12: पंक्ति 12:
 
         डोंगा डोले.
 
         डोंगा डोले.
  
आया डोला,
+
    आया डोला,
उड़न खटोला,
+
    उड़न खटोला,
एक परी पर्दे से निकली पहने पंचरंग वीर.
+
  एक परी पर्दे से निकली पहने पंचरंग वीर.
डोंगा डोले,
+
  डोंगा डोले,
नित गंग जमुन के तीर,
+
नित गंग जमुन के तीर,
 
डोंगा डोले.
 
डोंगा डोले.
  
आँखे टक-टक,
+
    आँखे टक-टक,
छाती धक-धक,
+
    छाती धक-धक,
कभी अचानक ही मिल जाता दिल का दामनगीर.
+
  कभी अचानक ही मिल जाता दिल का दामनगीर.
डोंगा डोले,
+
  डोंगा डोले,
नित गंग जमुन के तीर,
+
नित गंग जमुन के तीर,
 
डोंगा डोले.
 
डोंगा डोले.
  
नाव विराजी,
+
    नाव विराजी,
केवट राजी,
+
    केवट राजी,
डांड छुई भर,बस आ पहुँची संगम पर की भीड़.
+
  डांड छुई भर,बस आ पहुँची संगम पर की भीड़.
डोंगा डोले,
+
  डोंगा डोले,
नित गंग जमुन के तीर,
+
नित गंग जमुन के तीर,
 
डोंगा डोले.
 
डोंगा डोले.
  
मन मुस्काई,
+
    मन मुस्काई,
उतर नहाई,
+
    उतर नहाई,
आगे पाँव न देना,रानी,पानी अगम-गंभीर.
+
  आगे पाँव न देना,रानी,पानी अगम-गंभीर.
डोंगा डोले,
+
  डोंगा डोले,
नित गंग जमुन के तीर,
+
नित गंग जमुन के तीर,
 
डोंगा डोले.
 
डोंगा डोले.
  
बात न मानी,
+
    बात न मानी,
होनी जानी ,
+
    होनी जानी ,
बहुत थहाई,हाथ न आई जादू की तस्वीर.
+
  बहुत थहाई,हाथ न आई जादू की तस्वीर.
डोंगा डोले,
+
  डोंगा डोले,
नित गंग जमुन के तीर,
+
नित गंग जमुन के तीर,
 
डोंगा डोले.
 
डोंगा डोले.
  
इस तट,उस तट,
+
    इस तट,उस तट,
पनघट, मरघट,
+
    पनघट, मरघट,
बानी अटपट ;
+
  बानी अटपट ;
हाय,किसी ने कभी न जानी मांझी-मन की पीर.
+
  हाय,किसी ने कभी न जानी मांझी-मन की पीर.
डोंगा डोले,
+
डोंगा डोले,
 
नित गंग जमुन के तीर,
 
नित गंग जमुन के तीर,
 
डोंगा डोले.डोंगा डोले.डोंगा डोले....
 
डोंगा डोले.डोंगा डोले.डोंगा डोले....

12:33, 14 सितम्बर 2012 के समय का अवतरण

(उत्तरप्रदेश की एक लोकधुन पर आधारित)

           डोंगा डोले,
          नित गंग जमुन के तीर,
         डोंगा डोले.

     आया डोला,
    उड़न खटोला,
   एक परी पर्दे से निकली पहने पंचरंग वीर.
  डोंगा डोले,
 नित गंग जमुन के तीर,
डोंगा डोले.

     आँखे टक-टक,
    छाती धक-धक,
   कभी अचानक ही मिल जाता दिल का दामनगीर.
  डोंगा डोले,
 नित गंग जमुन के तीर,
डोंगा डोले.

     नाव विराजी,
    केवट राजी,
   डांड छुई भर,बस आ पहुँची संगम पर की भीड़.
  डोंगा डोले,
 नित गंग जमुन के तीर,
डोंगा डोले.

     मन मुस्काई,
    उतर नहाई,
   आगे पाँव न देना,रानी,पानी अगम-गंभीर.
  डोंगा डोले,
 नित गंग जमुन के तीर,
डोंगा डोले.

     बात न मानी,
    होनी जानी ,
   बहुत थहाई,हाथ न आई जादू की तस्वीर.
  डोंगा डोले,
 नित गंग जमुन के तीर,
डोंगा डोले.

     इस तट,उस तट,
    पनघट, मरघट,
   बानी अटपट ;
  हाय,किसी ने कभी न जानी मांझी-मन की पीर.
 डोंगा डोले,
नित गंग जमुन के तीर,
डोंगा डोले.डोंगा डोले.डोंगा डोले....