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"सपनों के फ़ाहे / अनीता कपूर" के अवतरणों में अंतर
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कल रात नींद मेरी
कुछ जख्मी हो गयी थी
चलूँ, आज रात सपनों के
कुछ फ़ाहे और पैबंद लगा दूँ