भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"उदास न हो / साहिर लुधियानवी" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) |
|||
पंक्ति 3: | पंक्ति 3: | ||
|रचनाकार=साहिर लुधियानवी | |रचनाकार=साहिर लुधियानवी | ||
}} | }} | ||
− | + | {{KKCatGeet}} | |
<poem> | <poem> | ||
मेरे नदीम मेरे हमसफ़र उदास न हो | मेरे नदीम मेरे हमसफ़र उदास न हो | ||
पंक्ति 12: | पंक्ति 12: | ||
हवाएँ कितना भी टकराएँ आँधियाँ बनकर | हवाएँ कितना भी टकराएँ आँधियाँ बनकर | ||
मगर घटाओं के परछम कभी नहीं झुकते | मगर घटाओं के परछम कभी नहीं झुकते | ||
− | मेरे नदीम मेरे | + | मेरे नदीम मेरे हमसफ़र... |
हर एक तलाश के रास्ते में मुश्किलें हैं मगर | हर एक तलाश के रास्ते में मुश्किलें हैं मगर | ||
पंक्ति 18: | पंक्ति 18: | ||
हजारों चाँद सितारों का खून होता है | हजारों चाँद सितारों का खून होता है | ||
तब एक सुबह फ़िजाओं पे मुस्कुराती है | तब एक सुबह फ़िजाओं पे मुस्कुराती है | ||
− | मेरे नदीम मेरे | + | मेरे नदीम मेरे हमसफ़र... |
जो अपने खून को पानी बना नहीं सकते | जो अपने खून को पानी बना नहीं सकते | ||
पंक्ति 24: | पंक्ति 24: | ||
जो रास्ते के अँधेरों से हार जाते हैं | जो रास्ते के अँधेरों से हार जाते हैं | ||
वो मंजिलों के उजाले को पा नहीं सकते | वो मंजिलों के उजाले को पा नहीं सकते | ||
− | मेरे नदीम मेरे | + | मेरे नदीम मेरे हमसफ़र... |
</poem> | </poem> |
12:49, 15 अप्रैल 2013 के समय का अवतरण
मेरे नदीम मेरे हमसफ़र उदास न हो
कठिन सही तेरी मन्जिल मगर उदास न हो
कदम कदम पे चट्टानें खडी़ रहें लेकिन
जो चल निकले हैं दरिया तो फिर नहीं रुकते
हवाएँ कितना भी टकराएँ आँधियाँ बनकर
मगर घटाओं के परछम कभी नहीं झुकते
मेरे नदीम मेरे हमसफ़र...
हर एक तलाश के रास्ते में मुश्किलें हैं मगर
हर एक तलाश मुरादों के रंग लाती है
हजारों चाँद सितारों का खून होता है
तब एक सुबह फ़िजाओं पे मुस्कुराती है
मेरे नदीम मेरे हमसफ़र...
जो अपने खून को पानी बना नहीं सकते
वो जिंदगी में नया रंग ला नहीं सकते
जो रास्ते के अँधेरों से हार जाते हैं
वो मंजिलों के उजाले को पा नहीं सकते
मेरे नदीम मेरे हमसफ़र...