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"रेज़ा रेज़ा ख़्वाब हो गये / पवन कुमार" के अवतरणों में अंतर
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रेज़ा रेज़ा ख़्वाब हो गये | रेज़ा रेज़ा ख़्वाब हो गये | ||
कस्मे वादे कहीं खो गये | कस्मे वादे कहीं खो गये |
08:24, 27 अप्रैल 2013 के समय का अवतरण
रेज़ा रेज़ा ख़्वाब हो गये
कस्मे वादे कहीं खो गये
हर लम्हा इक युग सा बीता
जब से वो परदेस को गये
एक बोझ था जीवन अपना
झुके थे कांधे मगर ढो गये
मैं जागूँ और चाँद भी जागे
तारे नदिया सभी सो गये
कुछ बेढब से हर्फ़ लिखे थे
कैसे सब अशआर हो गये
जनम-जनम की बातें छोड़ो
अभी किसी के कहाँ हो गये