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"मुजरा / कविता वाचक्नवी" के अवतरणों में अंतर

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इन पतंगों ने  
 
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23:06, 10 जून 2013 के समय का अवतरण

इन पतंगों ने

बहुत मुजरा किया

दरबार जिसके

वह, अंधेरा खोल

आँचल भर

कहे

अब लौट जाओ।