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"खाली मेज़ / भूपिन्दर बराड़" के अवतरणों में अंतर

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17:12, 22 सितम्बर 2013 के समय का अवतरण

अब मेज़ खाली है
मेज़ जिस पर एक गिलास
अपना साया समेट रहा था अभी
जहाँ एक तीलियों कि डिब्बी थी
और चाबियाँ और कोहनियाँ

मेज़ जो सफेद है
और अब खाली है

मेज़ जिस पर -
जैसा कि हमने अभी कहा -
ग्यारह वर्ष लम्बा सफर रखा था
आने वाला बहुत सा खाली समय
और पुराने सन्दर्भों से जुड़ने का तनाव