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"बसहाँ चढल मतबलबा आगे माई शंकर जी दुलहबा / मैथिली" के अवतरणों में अंतर

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बसहाँ चढल मतबलबा आगे माई शंकर जी दुलह्बा
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बसहाँ चढल मतबलबा आगे माई शंकर जी दुलहबा
कौने हात डमरु शोभे कौने त्रीशुल धारि
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कौने हात डमरु शोभे कौने त्रिशुल धारि
कहाँ  सँ  बहैछै गंगा के धरबा आगे माई शंकर जी दुलह्बा
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कहाँ  सँ  बहैछै गंगा के धरबा, आगे माई शंकर जी दुलहबा
  
बायाँ हाते डमरु शोभे दहिने त्रीशुल धारि
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बायाँ हाते डमरु शोभे दहिने त्रिशुल धारि
जटबा सँ बहैछै गँगाके धरबा आगे माई शंकर जी दुलह्बा
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जटबा सँ बहैछै गँगा के धरबा, आगे माई शंकर जी दुलहबा
  
 
कहाँ बिभुत शोभे, कहाँ रुद्र माला
 
कहाँ बिभुत शोभे, कहाँ रुद्र माला
कहाँ शोभै छै मृगके छाला आगे माई शंकर जी दुलह्बा
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कहाँ शोभै छै मृग के छाला, आगे माई शंकर जी दुलहबा
  
अगँ बिभुत शोभे, गले रुद्र माला
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अंग बिभुत शोभे, गले रुद्र माला
डाँरो में शोभेला मृग के छाला, आगे माई शंकर जी दुलह्बा
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डाँरो में शोभेला मृग के छाला, आगे माई शंकर जी दुलहबा
 
बसहाँ चढल मतबलबा…
 
बसहाँ चढल मतबलबा…

14:54, 27 सितम्बर 2013 के समय का अवतरण

   ♦   रचनाकार: अज्ञात

बसहाँ चढल मतबलबा आगे माई शंकर जी दुलहबा
कौने हात डमरु शोभे कौने त्रिशुल धारि
कहाँ सँ बहैछै गंगा के धरबा, आगे माई शंकर जी दुलहबा

बायाँ हाते डमरु शोभे दहिने त्रिशुल धारि
जटबा सँ बहैछै गँगा के धरबा, आगे माई शंकर जी दुलहबा

कहाँ बिभुत शोभे, कहाँ रुद्र माला
कहाँ शोभै छै मृग के छाला, आगे माई शंकर जी दुलहबा

अंग बिभुत शोभे, गले रुद्र माला
डाँरो में शोभेला मृग के छाला, आगे माई शंकर जी दुलहबा
बसहाँ चढल मतबलबा…