भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"तीजौ फेरौ / अर्जुनदेव चारण" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=अर्जुनदेव चारण |संग्रह=घर तौ एक ना...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
 
पंक्ति 4: पंक्ति 4:
 
|संग्रह=घर तौ एक नाम है भरोसै रौ  / अर्जुनदेव चारण   
 
|संग्रह=घर तौ एक नाम है भरोसै रौ  / अर्जुनदेव चारण   
 
}}
 
}}
{{KKCatMoolRajasthani}}
+
{{KKCatRajasthaniRachna}}
 
{{KKCatKavita‎}}
 
{{KKCatKavita‎}}
 
<Poem>
 
<Poem>
 
 
म्हैं
 
म्हैं
 
सूंप देवूंला
 
सूंप देवूंला
पंक्ति 26: पंक्ति 25:
 
म्हैं
 
म्हैं
 
तीजौ फेरौ लेवूं
 
तीजौ फेरौ लेवूं
 
 
</Poem>
 
</Poem>

12:41, 15 अक्टूबर 2013 के समय का अवतरण

म्हैं
सूंप देवूंला
थनै म्हारौ बळ
थूं बाजजे अपरबळी
करजे म्हारी रिच्छा
रोपजे
म्हारै सारूं ई
अेक खूंटौ
ऊंची करजे
चारूं कांनी बाड़
कांटां रै घेरै
थारी छत्तरछींया
म्हैं गावूंला
थारा गुण

लौ
म्हैं
तीजौ फेरौ लेवूं