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सावण बरसा बादली, अतरी अरज विशेष !! | सावण बरसा बादली, अतरी अरज विशेष !! | ||
हिवडे हरख विशेष व्हे, जद साजन घर आय ! | हिवडे हरख विशेष व्हे, जद साजन घर आय ! | ||
मन री मौजां मर रही, सावण सूखो जाय !! | मन री मौजां मर रही, सावण सूखो जाय !! | ||
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11:16, 16 अक्टूबर 2013 के समय का अवतरण
साजन घरां पधारिया, छोड़ परायो देश !
सावण बरसा बादली, अतरी अरज विशेष !!
हिवडे हरख विशेष व्हे, जद साजन घर आय !
मन री मौजां मर रही, सावण सूखो जाय !!
साजन सैणां समझग्या, आया छोड़ विदेश !
सावण तू भी समझ जा, बरसा मेह विशेष !!