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"प्यास / प्रमोद कुमार शर्मा" के अवतरणों में अंतर

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आ किसी तिरस
 
आ किसी तिरस
 
जिकी बुझै ही कोनी।
 
जिकी बुझै ही कोनी।
 
जित्तो पीवूं
 
जित्तो पीवूं
उत्ती ही बढ़ जावै !
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उत्ती ही बढ़ जावै!
 
हद है कदै-कदै तो
 
हद है कदै-कदै तो
आ म्हारै कांधै चढ़ जावै !
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आ म्हारै कांधै चढ़ जावै!
 
अर म्हारै खातर -
 
अर म्हारै खातर -
 
उदासी रा
 
उदासी रा
गहरा क्षण गढ़ जावै !
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गहरा क्षण गढ़ जावै!
 
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14:43, 16 अक्टूबर 2013 के समय का अवतरण

आ किसी तिरस
जिकी बुझै ही कोनी।
जित्तो पीवूं
उत्ती ही बढ़ जावै!
हद है कदै-कदै तो
आ म्हारै कांधै चढ़ जावै!
अर म्हारै खातर -
उदासी रा
गहरा क्षण गढ़ जावै!