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"घर में रमती कवितावां 14 / रामस्वरूप किसान" के अवतरणों में अंतर

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छात ने बूझस्यां।
 
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14:22, 17 अक्टूबर 2013 के समय का अवतरण

म्हनैं -
एक जणौं बोल्यौ-
आंगणैं में
संकड़ेलौ है
माळियौ घालले
छात पर

म्हैं बोल्यौ-
छात ने बूझस्यां।