"माखण / सत्यप्रकाश जोशी" के अवतरणों में अंतर
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माखण री मटकी लियां | माखण री मटकी लियां | ||
− | कद सूं उडीकूं रे कांन्ह ! | + | कद सूं उडीकूं रे कांन्ह! |
− | कद सूं झुरूं रे कांन्ह ! | + | कद सूं झुरूं रे कांन्ह! |
कद सूं अबोली बैठी | कद सूं अबोली बैठी | ||
− | थारौ पंथ निहारूं ? | + | थारौ पंथ निहारूं? |
थूं डंडै, खोसै, लूट मचावै | थूं डंडै, खोसै, लूट मचावै | ||
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पंथ-पंथ भटकणौ पड़सी | पंथ-पंथ भटकणौ पड़सी | ||
‘दही ल्यौ - दही ल्यौ’ | ‘दही ल्यौ - दही ल्यौ’ | ||
− | पण कुण बतळावै-कुण पूछै बात ? | + | पण कुण बतळावै-कुण पूछै बात? |
दही-दही री टेर लगातां | दही-दही री टेर लगातां | ||
म्हारौ कंठ सूख जासी, | म्हारौ कंठ सूख जासी, | ||
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म्हारै धीरज रौ छेह आ जासी। | म्हारै धीरज रौ छेह आ जासी। | ||
− | गूजरी रौ जीवण ई कोई जीवण है ! | + | गूजरी रौ जीवण ई कोई जीवण है! |
− | इण खातर थनै उडीकूं रै कांन्ह ! | + | इण खातर थनै उडीकूं रै कांन्ह! |
− | थारौ पंथ निहारूं रै कांन्ह ! | + | थारौ पंथ निहारूं रै कांन्ह! |
− | आव रै नंदगांव रा गुवाळिया ! बेगौ आव, | + | आव रै नंदगांव रा गुवाळिया! बेगौ आव, |
माखण री मटकी लियां | माखण री मटकी लियां | ||
ऊभोड़ी उडीकूं, बेगौ आव। | ऊभोड़ी उडीकूं, बेगौ आव। | ||
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16:39, 17 अक्टूबर 2013 के समय का अवतरण
माखण री मटकी लियां
कद सूं उडीकूं रे कांन्ह!
कद सूं झुरूं रे कांन्ह!
कद सूं अबोली बैठी
थारौ पंथ निहारूं?
थूं डंडै, खोसै, लूट मचावै
तो म्हारौ खजांनो अखूट बण जावै,
थूं मटकी सूं जद माखण चोरै
तद म्हारै गोरस में बरकत होवै,
थूं चाखै, होठां लगावै,
तौ म्हारै माखण मे इदकी चीगट आवै,
थूं ढोळै
तौ म्हारी छाछ इमरत सूं मूंगी जावै।
जे थूं नी आयौ
तौ सगळै दिन, आखी रात
माथै मटकी रौ बोझ लियां
गळी-गळी, गांव-गांव,
पंथ-पंथ भटकणौ पड़सी
‘दही ल्यौ - दही ल्यौ’
पण कुण बतळावै-कुण पूछै बात?
दही-दही री टेर लगातां
म्हारौ कंठ सूख जासी,
म्हारौ हियौ सूख जासी,
तद भूल सूं, अणजांण
म्हारै मुखड़ा सूं
‘कांन्ह लौ, कांन्ह लौ’ निकळ आसी
तौ सगळा लोग हंसैला,
आखी दुनियां म्हारी मसखरी करैला।
जणा जणा सूं मोल तोल करतां
म्हारै धीरज रौ छेह आ जासी।
गूजरी रौ जीवण ई कोई जीवण है!
इण खातर थनै उडीकूं रै कांन्ह!
थारौ पंथ निहारूं रै कांन्ह!
आव रै नंदगांव रा गुवाळिया! बेगौ आव,
माखण री मटकी लियां
ऊभोड़ी उडीकूं, बेगौ आव।