|संग्रह=
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[[Category:मूल राजस्थानी भाषा]]{{KKCatRajasthaniRachna}}{{KKCatKavita}}<poem>साजै मन सुरा निरगुन नुरा जोग जरूरा भरपूरा ,
दीसे नहि दूरा हरी हजुरा परख्या पूरा घट मूरा
जो मिले मजूरा एष्ट सबूरा दुःख हो दूरा मोजीशा
माता पितु मानी सेव सुहानी पोषण पामी हीतू जानी
बोधा गुरु बाणी स्वेम सुहानी सिंम्भ बखानी नीज आशा
आतम तत आशा जोग जुलासा श्वांस ऊसासा सुखवासा || ७ ||</poem>