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"जरमन तेरा जाइयो राज / हरियाणवी" के अवतरणों में अंतर

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जरमन तेरा जाइयो राज,
 
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आज ना तडकै!
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तन्ने मारे बिराने लाल
 
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जहाज भर-भर के!
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मैं किस पर करूँ सिंगार
 
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--'अरे जरमन! तेरा राज ख़त्म हो जाए, आज ही या कल सुबह तक तू सत्ता में न रहे । अरे तूने कितने ही  
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पराए बेटों को मार डाला । वे हमारे पति थे जो जहाजों में भर-भर कर मोरचों पर ले जाए गए थे । हाय! मैं शृंगार
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पराए बेटों को मार डाला । वे हमारे पति थे जो जहाजों में भर-भर कर मोरचों पर ले जाए गए थे । हाय ! मैं  
  
करूँ भी तो कैसे ? मेरा तो कलेजा धड़क रहा है !'
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शृंगार करूँ भी तो कैसे ? मेरा तो कलेजा धड़क रहा है !'

12:18, 13 नवम्बर 2007 का अवतरण

   ♦   रचनाकार: अज्ञात

जरमन तेरा जाइयो राज,

आज ना तडकै !

तन्ने मारे बिराने लाल

जहाज भर-भर के !

मैं किस पर करूँ सिंगार

कालजा धड़के!


भावार्थ

--'अरे जरमन ! तेरा राज ख़त्म हो जाए, आज ही या कल सुबह तक तू सत्ता में न रहे । अरे तूने कितने ही

पराए बेटों को मार डाला । वे हमारे पति थे जो जहाजों में भर-भर कर मोरचों पर ले जाए गए थे । हाय ! मैं

शृंगार करूँ भी तो कैसे ? मेरा तो कलेजा धड़क रहा है !'