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"घुन / शशि सहगल" के अवतरणों में अंतर

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16:43, 23 अक्टूबर 2013 के समय का अवतरण

आवाज़ करती
टूटने वाली चीज़ों ने
कभी दुखी नहीं किया मुझे
घबराती हूँ
बिना आवाज़ की टूटन से
जो घुन सी खा जाती है
आदमी को।